बिहार बोर्ड 2024 : 2.66 लाख विद्यार्थी नहीं दे पाएंगे 10 वी – 12 वी की वार्षिक परीक्षा

अगर आप भी बिहार बोर्ड के 10वी और 12वी कक्षा के विद्यार्थी हैं । और आप भी 2024 में वार्षिक होने वाले परीक्षा में शामिल होने वाले हैं तो यह पोस्ट सिर्फ आपके लिए है । माधविक और उच्च माध्विक विद्यालयों में एकादमिक स्वतः 2023 -2024 में कक्षा 10वी और 12वी के लगातार विद्यालय से अन उपस्थित रहने वाले छात्रा छात्राओं को सेंटर परीक्षा में शामिल नहीं होने दिया जाएगा। इसके लिए शिक्षा विभाग ने बिहार बोर्ड को सूची भेजी है। राज्य में ऐसे करीब 266564 विद्यार्थी हैं। जिन सभी का नाम इस सूची में शामिल है। पटना के जिला शिक्षा पद अधिकारी के अनुसार सेंटर परीक्षा में वही छात्र शामिल होंगे जिनका स्कूल में 75 फ़ीसदी उपस्थिती पूरी होगी । जो भी छात्र 10वीं और 12वीं के विद्यालय में उपस्थित नहीं रहे हैं उन्हें परीक्षा में नहीं बैठने दिया जाएगा।

बिहार बोर्ड ने मांगी सभी स्कूलों से सूची

बिहार बोर्ड ने सभी राज्य के स्कूलों से विद्यार्थियों की स्कूल और जिलावार सूची भी बोर्ड ने मांगी हैं। इसके लिए सभी स्कूलों को एक सप्ताह का समय दिया गया है। इसी दौरान सभी बी ओ को सॉफ्ट तथा हार्ड कॉपी में छात्र और छात्राओं की सूची बोर्ड को भेजनी हैं । बोर्ड के अनुसार 9वी और 12वी तक के 266564 विद्यार्थियों का नामांकन रद्द कर दिया गया है। वही 9वी और 11वीं के 166564 छात्र-छात्राओं का नामांकन रद्द कर दिया गया है। अछात्र अघाह में वार्षिक परीक्षा में शामिल नहीं होंगे । शिक्षा विभाग के आदेश के अनुसार बिहार बोर्ड ने भी वार्षिक परीक्षा के साथ-साथ सेंटर परीक्षा में शामिल होने के लिए 75 फ़ीसदी उपस्थिति को अनिवार्य किया है। जो विद्यार्थी केंद्र परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएंगे। उनको 2024 में होने वाले 10वीं और 12वीं के परीक्षा में शामिल होने नहीं दिया जाएगा। आपको बता दें कि इंटर की सेंटर परीक्षा 30 अक्टूबर से 6 नवंबर तक और मैट्रिक की सेंटर परीक्षा नवंबर के अंतिम सप्ताह में होने वाली है।

बिहार के सरकारी स्कूलों से 20 लाख छात्रों के क्यों गए नाम ? जाने वजह

बिहार बोर्ड विद्यार्थियों की उपस्थिति को बढ़ाने के लिए एक नया तरीका अपनाया है। जो छात्र स्कूल नहीं आते उनके नाम काट दो। से अपने आप ही छात्राओं की उपस्थिति बढ़ जाएगी। इसी तरीके को अपनाकर बिहार का शिक्षा विभाग 1 सितंबर से सरकारी स्कूलों से अब तक लगभग 20 लाख छात्रों का नाम काट चुका है। जिन बच्चों के नाम सरकारी स्कूल से काटे गए हैं उनमें 266000 वह छात्र हैं जो कि इस बार की 10वीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में है। दरअसल बिहार के शिक्षा विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी के के पाठक ने जुलाई महीने में बिहार के सरकारी स्कूलों का दौरा किया । इस दौरान सरकारी स्कूलों की बदहाली और शिक्षकों की कमी ने उन्हें इतना परेशान नहीं किया जितना परेशान स्कूलों में छात्राओं की अनुपस्थिति देखकर हो गए ।बस फिर उन्होंने बिहार के सरकारी स्कूलों में छात्राओं की उपस्थिति बढ़ाने का बीड़ा उठा लिया। 2 सितंबर को क पाठक ने बिहार शिक्षा विभाग के सभी जिला अधिकारियों को आदेश जारी किया । जो कि आप नीचे देख सकते हैं।

आदेश में कहा गया कि जिन भी सरकारी स्कूल के छात्राओं का उपस्थित 50% से कम है ऐसे में एक-एक विद्यालय की पहचान करने का वक्त आ गया है। इसी आदेश में सभी प्रधानाध्यापक को आजा की जो भी छात्र तीन दिन लगातार एब्सेंट रहता है उन्हे नोटिस दिया जाए । और 15 दिन लगातार एब्सेंट रहने पर उसका स्कूल से नाम काट दिया जाए । इस आदेश का नतीजा यह हुआ कि अब तक बिहार के सरकारी स्कूलों से 22 लाख छात्राओं के नाम काटे जा चुके हैं। और दोबारा नाम जोड़ने के लिए शर्त ये रखी गई की छात्राओं के अभिभावकों को शपथ पत्र देना पड़ेगा की उनका बच्चा आगे से रेगुलर स्कूल अटेंड करेगा।

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